Thursday, December 31, 2009

Happy New Year "2010"



दिल मिल सकें सभी के कुछ ऐसा पयाम दे
नफ़रत  न  हो  कहीं पे सुकून सुबह शाम दे
पुरअम्न  हो  वतन  कहीं  दहशत न हो ज़रा
मेरी  दुआ है  साल  यह  खुशियाँ तमाम दे

नया साल बहुत बहुत मुबारक हो 


  - साहिल इटावी 

Tuesday, December 15, 2009

दर्द - ए - दिल





दर्द - ए - dil



"  कश्तियों को न रोको अब इन्हें जाने भी दो
ये समंदर की मोहब्बत के लिए बेचैन  हैं  "

ग़ज़ल


अपने ख़याल दिल से निकलने तो दीजिये 
बेताब   परिंदों   को   चहकने   तो   दीजिये


अरसे से आँख नम है मेरी उनकी याद में
ये   अश्क   मेरे   आज   छलकने तो दीजिये 


दीदार की तलब है तो नज़रें जमा के रख
रुख   से   ज़रा   नक़ाब   सरकने तो दीजिये 


तक़सीम करने वालों को मिल जायेगा सिला 
ये   आग  दिल में   और  दहकने   तो दीजिये


मेरा   वतन   गुलिस्ताँ  है   मत छेड़ तू इसे
लिल्लाह  इसे  यूँ   ही   महकने तो दीजिये


रुक जायेंगे क़दम तेरे साहिल पे आके खुद
ठहरे   हुए  क़दम   को   बहकने   तो दीजिये
- साहिल