दिल मिल सकें सभी के कुछ ऐसा पयाम दे
नफ़रत न हो कहीं पे सुकून सुबह शाम दे
नफ़रत न हो कहीं पे सुकून सुबह शाम दे
पुरअम्न हो वतन कहीं दहशत न हो ज़रा
मेरी दुआ है साल यह खुशियाँ तमाम दे
नया साल बहुत बहुत मुबारक हो
- साहिल इटावी
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