Tuesday, September 28, 2010



नफरतों को न हवा दो ये चमन है मेरा |
जान कुर्बान है इस पर ये वतन है मेरा ||
यूँ तो बांटा है आदमी ने इस शहर को बहुत |
इसको  न बांटना ए दौर ये कलम है मेरा ||